बकरी पालन हमारे कृषि देश में एक संयुक्त उद्यम है |
बकरी पालन हमारे कृषि देश में एक संयुक्त उद्यम है |
बकरी पालन बड़े जानवरों की तुलना में अपेक्षाकृत सस्ता है। इसलिए बकरी को "गरीबों की गाय" कहा जाता है।
बकरी पालन बड़े जानवरों की तुलना में अपेक्षाकृत सस्
ता है। इसलिए बकरी को "गरीबों की गाय" कहा जाता है।
जमनापरी
जमनापरी
यह नस्ल उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना और चंबल नदियों के घाटियों में पाई जाती है। यह अच्छे दूध और मांस के लिए प्रसिद्ध है।
यह नस्ल उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना और चंबल नदियों के घाटियों में पाई जाती है। यह अच्छे दूध और मांस के लिए प्रसिद्ध है।
बारबेरी
बारबेरी
यह नस्ल उत्तर प्रदेश के इटावा, आगरा, मथुरा, अलीगढ़ क्षेत्रों में पाई जाती है। यह दूधिया के रूप में प्रसिद्ध है।
यह नस्ल उत्तर प्रदेश के इटावा, आगरा, मथुरा, अलीगढ़ क्षेत्रों में पाई जाती है। यह दूधिया के रूप में प्रसिद्ध है।
ब्लॅक बंगाल
ब्लॅक बंगाल
इस नस्ल की बकरियां बंगाल में मिला। यह नस्ल एक बार में दो या तीन बच्चों को जन्म देती है।
इस नस्ल की बकरियां बंगाल में मिला। यह नस्ल एक बार में दो या तीन बच्चों को जन्म देती है।
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सिरोही (अजमेरी)
सिरोही (अजमेरी)
यह नस्ल मुख्य रूप से राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों में पाई जाती है। यह नस्ल मांस उत्पादन के लिए अच्छी है।
यह नस्ल मुख्य रूप से राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों में पाई जाती है। यह नस्ल मांस उत्पादन के लिए अच्छी है।
उस्मानाबादी
उस्मानाबादी
इस नस्ल की बकरियां महाराष्ट्र के उस्मानाबाद क्षेत्र में पाई जाती हैं।
इस नस्ल की बकरियां महाराष्ट्र के उस्मानाबाद क्षेत्र में पाई जाती हैं।
संगमनेरी बकरी
संगमनेरी बकरी
इन बकरियों का मादा वजन 32 किलोग्राम तक और नर का वजन 39 किलोग्राम तक होता है।
इन बकरियों का मादा वजन 32 किलोग्राम तक और नर का वजन 39 किलोग्राम तक होता है।
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